एक ग़ज़ल -ग़ज़ल ऐसी हो
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चित्र साभार गूगल
एक ग़ज़ल -
कभी मीरा, कभी तुलसी कभी रसखान लिखता हूँ
ग़ज़ल में, गीत में पुरखों का हिंदुस्तान लिखता हूँ
ग़ज़ल ऐसी हो जिसको खेत का मज़दूर भी ...
वार्षिक संगीतमाला 2023 : उड़े उड़नखटोले नयनों के तेरे
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जुबली वेब सीरीज उस ज़माने की कहानी कहती है जब मुंबई में बांबे टाकीज़ की
तूती बोलती थी। संगीतकार अमित त्रिवेदी को जब इस सीरीज के लिए संगीत रचने का
मौका दिया...
चचा छक्कन के केले...
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चाचा छक्कन जब सुबह से
आराम करते करते थक गए
तो यकायक उन्हें गोल गप्पे याद आ गए।
यह सोचकर ही चचा एक बार तो शरमा गए।
आखिर औरों को हाइजीन का पाठ पढाते थे...
विश्व कविता दिवस और सबसे बड़ा महाकाव्य
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2024-03-21 विश्व कविता दिवस और सबसे बड़ा महाकाव्य आज तोताराम ने बाहर से ही
बहुत जोर से आवाज लगाई- महाकवि, प्रणाम । बधाई हो । जैसे कर्नाटक के 2023 के
विधान ...
दिन में सौ सौ बार
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हम आँखों से देखते, जग के कारोबार।
मगर देखता जग हमें, दिन में सौ सौ बार।।
बंजर दिल में तब खुशी, होती है आबाद।
अगर अचानक हो कहीं, आँखों ...
चौबारे पर एकालाप
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पिछले साल लमही पत्रिका का एक कविता विशेषांक शशि भूषण मिश्र के संपादन में
छपा। इसमें हिंदी के सौ कवि शामिल थे। इसमें मेरे दूसरे कविता संग्रह *चौबारे
प...
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*'गिद्धों का स्वर्णकाल' का लोकार्पण *
आज (16 फरवरी, 2024) एक सुखद एवं संतुष्टिप्रद दिन! विश्व पुस्तक मेला , नई
दिल्ली में मेरे ( हरिशंकर राढ़ी) दूसरे व्...
उम्मीद
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एक रोज जरा सी लापरवाही से
उम्मीद के जो बीज
हथेलियों से छिटक कर
बिखर गए थे
सोचा न था
कि वो इस कदर उग आएंगे
और ठीक उस वक़्त थामेंगे हाथ
जब मन काआसमान...
रेणु और गाम-घर
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खेत में जब भी फसल की हरियाली देखता हूँ तो लगता है कि फणीश्वर नाथ रेणु खड़ें
हैं, हर खेत के मोड़ पर। उन्हें हम सब आंचलिक कथाकार कहते हैं लेकिन सच यह है
कि व...
बिना ज़रूरत होते ऑपरेशन -सतीश सक्सेना
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*क्या आपको पता है कि हमारे देश में 66.8% यूटेरस रिमूवल सर्जरी प्राइवेट
हॉस्पिटल में की जाती है , और आप यकीन नहीं कर पाएंगे कि उसमें ९५ प्रतिशत
बिना जरूरत ...
परीक्षा-काल
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एक जमाना बीत गया स्कूल कॉलेज छूटे हुए परन्तु जब भी यह मौसम आता है, अचानक
अपने इम्तिहान के दिनों की याद आने लगती है। मानों अब भी किसी परीक्षा की
आधी-अधूर...
मृत्यु की याद में
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कोमल उंगलियों में बेजान उंगलियां उलझी थीं
जीवन वृक्ष पर आखिरी पत्ती की तरह
लटकी थी देह
उधर लुढ़क गई।
मृत्यु को नज़दीक से देखा उसने
एक शरीर की मृत्यु को।
रो...
चार्जिंग पॉइंट
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मोबाइल चार्ज करना हो तो बस एक प्लग पॉइंट चाहिए होता है। वह चाहे जहां लगा
हो, रेलवे प्लेटफॉर्म हो, बस अड्डा हो, फुटपाथ पर कोई बूथ हो, किसी आफिस के
पैसेज ...
नायक भेदा
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नायिकाओं के अनेक भेद पढ़े होंगें आज जरा नायको के भेद भी पढ़िये और देखिये
की आप किस श्रेणी मे आतें हैं ।
तो अलग अलग लोगों ने नायकों के अलग अलग भेद बताये...
ए-आई में इंसान जैसी चेतना है या नहीं?
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*कैसे कहें कि ए**-**आई में इंसान जैसी चेतना है या नहीं**?*
- 'स्रोत' (अक्तूबर 2023) में प्रकाशित
'उसे कौन देख सकता कि यगाना है वो यकता / जो दुई की बू भी...
धनतेरस पर गोल्ड ईटीएफ निवेशकों की बड़ी पसंद
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भारतीयों में हमेशा से ही सोने की चाहत रही है, जो धनतेरस के दौरान और भी बढ़
जाती है, क्योंकि वे दिवाली के दिन सोना खरीदना शुभ मानते हैं। फिजिकल सोने की
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संशय
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संशय से बड़ी बर्बादी कोई नहीं करता जहाँ तक हो सके इससे दूरी भली ।*****संशय
ही बचाता भी है कई बार बर्बाद होने सेइसलिए यह ज़रूरी भी।*****संशय समाधान
नहीं देत...
कनपुरिया गुटखा
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कानपुर की दो ही चीजें मशहूर हैं, पान मसाला और चमड़े की वस्तुएं। पान मसाले
का बेताज बादशाह, मेरा लंगोटिया यार है, उस ज़माने में राम कृष्ण नगर में उसके
घर पर...
मीडिया
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लघुकथा
from google
*तब मैं काफ़ी छोटा रहा होऊंगा. मनोरंजन के साधनों में रेडियो प्रमुख था.*
*मैं रेडियो से आती तरह-तरह की आवाजें सुनकर हैरत में पड़ जाता ...
देसीपन, दोस्ताना व्यवहार बनाम औपचारिक व्यवहार
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हम बचपन से यह सुनते आए हैं कि दूसरों के साथ वैसा व्यवहार करो जैसा तुम अपने
लिए चाहते हो। हम इस कहावत पर आँख मूँदकर विश्वास भी करते आए हैं और उस पर अमल
करने...
भकूट - कूट-कूट कर भरा हुआ प्रेम..
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सबको भकूट दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आप सब भी हैरान हो रहे होंगे कि आज तो
वैलेंटाइन डे है, हैप्पी वैलेंटाइन डे बोलना होता है, यह भकूट दिवस क्या और
कैसा। त...
टुकड़े टुकड़े गैंग ट्विस्ट
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मई माह में एक फ्लैट किराए पर लेना था। संयोगवश एक फ्लैट के बारे में सूचना
मिली जो लोकेशन, लोकेलिटी व उपलब्ध फर्नीचर आदि के स्तर पर उचित लगा। मुम्बई
का सि...
MENTAL GARBEJ
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One day a man was going to the railway station by auto. The auto
driver was driving the auto very comfortably. A car suddenly came out of
th...
हिटलर और समग्र राज्य की अवधारणा
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मोदी सरकार तेज़ गति से ‘समग्र राज्य’ ‘टोटल स्टेट’ के निर्माण
में लगी है।उसे बहुलतावादी लिबरल राज्य -राष्ट्र नहीं चाहिए। उनको सिर्फ़ भारत
च...
किताबों की दुनिया - 257
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तू वही नींद जो पूरी न हुई हो शब-भर
मैं वही ख़्वाब कि जो ठीक से टूटा भी न हो
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मेरी आंखे न देखो तुमको नींद आए तो सो जाओ
ये हंगामा तो इन आँखों में शब भर होने...
लूट का बदला लूट: चंदैनी-गोंदा
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विजय वर्तमानचंदैनी-गोंदा को प्रत्यक्षतः देखने, जानने, समझने और समझा सकने
वाले लोग अब गिनती के रह गए हैं। किसी भी विराट कृति में बताने को बहुत कुछ
होता है ...
अंग्रेज: लुटेरों को आदर न दें!
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कुछ समय से कुछ छद्म भारतीयों ने एक नया गीत आलापना चालू कर दिया है — कि आज
हम जो हैं उसे अंग्रेजों ने हमको दिया था. ये छद्म भारतीय लोग प्राचीन भारतीय
समाज, ...
अब फोटो खींचकर पैसे कमाइए...
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आप अच्छे फोटोग्राफर हो और जबरदस्त फोटो खींचते हो... आप उन फोटो का क्या करते
हो??... यदि आप प्रोफेशनल फोटोग्राफर हैं, तब तो आप फोटो से पैसे कमाने के
बहुत ...
मन्नू भंडारी 1931- 15 नवंबर 1921
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मू भंडारी: एक आधुिनक सािहयक यिव
म
वंदना राग
सािहयकार
vandanarag@gmail.com
उनकी कहािनयां कभी
भी पुरानी नह पड़
सकत यिक मनुय
क जो मनोभाव ...
कूड़ंगल के कंकड़
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इस वर्ष भारत से ऑस्कर नॉमिनेशन में भेजी गई फ़िल्म में मदुरई के देहातों
के सूखे मैदान हैं। दो-तीन किरदार हैं उनके साथ कैमरा आगे-पीछे, लिंगर करता, चलता
...
सन्यास यानि अमरत्व का स्वाद
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इस मरने वाले शरीर के लिए संस्कृत में शब्द है 'देह'। इसे देह इसलिए कहा जाता
है क्योंकि आखिरकार आखिरी सफर में इसे दाह संस्कार द्वारा अग्नि को सौंपा
समर्...
सुबह की चाय, सनराईज़ और तुम
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सुबह की चाय, सनराईज़ और तुम पता है तीनो में कॉमन क्या है? तीनो बस पालक झपकते
गुलाबी शाम की तरह सरक जाते हैं पलाश के फूलों से रंगे आसमान को को ठीक से
निहार ल...
तुम मुझे मधुमास देना - डॉ. नागेश पांडेय 'संजय'
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जिंदगी संत्रास दे जब,
तुम मुझे मधुमास देना।
बहारों की स्वामिनी तुम,
नेह की हो देवदूती।
हर्ष की प्रतिमूर्ति हो तुम,
भाव की नदिया अछूती।
जिंदगी जब तृप्...
Proofreading Tools
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In the hurry to comply with time constraints and produce pamphlets, social
duplicate, articles, and online journals for your numerous customers, it
isn'...
आखिर, प्रोब्लेम क्या है इंटर कास्ट मैरेज़ में?
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शादी पर बात करना बड़ा अजीब सा लगता रहता अहै। हमेशा लगता है, नौ दिन चले अढ़ाई
कोस। जो हमारे समय की समस्या, वही आज के समय की दिक्कत! कब निकलेंगे हम सब इन
निरर...
ख़ानाबदोश !
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ये मन भी कितना चंचल होता है न... कभी एक जगह टिकता ही नहीं... बिलकुल उस
तितली की तरह जो फूलों से भरे बाग़ीचे में पहुँच कर एकदम पागल सी हो जाती
है.... एक पल...
लगातार संघर्ष करने से सफलता अर्जित होती है ....
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महाभारत में भीषण युद्ध चल रहा था । युद्द भूमि में गुरु और शिष्य आमने सामने
थे । दुर्योधन की तरफ से द्रोणाचार्य और पांडवों की ओर से अर्जुन युध्द के
मैदान मे...
रात में एक बात
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शीशे जैसी मृदुल हवा में/ रोशनी के गोल दूधिया छत्र के नीचे/ किन्हीं नामालूम
देशों के रंग-बिरंगे झंडे फहराता हुआ/ यह एक पांच सितारा होटल है/ और ये सड़क
के क...
हमारे हिस्से की ‘पैरासाइट’
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Spoilers ahead… सुनील खिलनानी अपनी मील का पत्थर पुस्तक ‘दी आइडिया ऑफ़
इंडिया’ में नई दिल्ली शहर की बसावट को लेकर मुख्य स्थापत्यकार एडविन लुटियंस
और उनके ची...
व्यतीत
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नीता ,जो व्यतीत है , दोहराई जा रही है रात और दिन में । श्यामल उसके लिये एक
सीमा है जिसके बाद सब गैर और अनैतिक है । दक्षिणेश्वर , बेलूर , काली माँ का
मंदिर...
अमितोष नागपाल की नौ कविताएँ
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*राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक अमितोष नागपाल की ये कविताएँ अलग-अलग
होते हुए भी एक कविता सीरीज सी चलती हैं. कहीं सवाल करती, कहीं उलझती और कहीं
जैसे ...
इंतज़ार और दूध -जलेबी...
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वोआते थे हर साल। किसी न किसी बहाने कुछ फरमाइश करते थे। कभी खाने की कोई खास
चीज, कभी कुछ और। मैं सुबह उठकर बहन को फ़ोन पे अपना वह सपना बताती, यह सोचकर
कि ब...
मुझे यही अच्छा लगता है....
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कभी-कभी किसी का जाना बहुत अच्छा लगता है...अगर बहुत से भी बेहतर कोई शब्द हो
तो शायद उतना ही अच्छा लगता है। किसी का जाना- दुनिया से नहीं, जिंदगी से नहीं
बल्क...
मादा सेपियंस: दि हिस्ट्री ऑफ वीमेनकाइंड
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मादा सेपियंस: दि हिस्ट्री ऑफ वीमेनकाइंड
इतिहास अकेला अनुशासन नहीं है जिसमें यह मान लिया जाता है की पुरुषों के लिए
तैयार अनुशासन में ही औरतें भी शामिल ...
काठ में कोंपल
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*6 अप्रैल, 2019 को दिल्ली के गाँधी शांति प्रतिष्ठान में 'कथा-कहानी' के
आयोजन में मैंने अपनी कहानी 'काठ में कोंपल' का पाठ किया. यहाँ आप सभी मित्रों
के लिए य...
स्वतंत्रता और आवश्यकता - २
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हे मानवश्रेष्ठों,
यहां पर ऐतिहासिक भौतिकवाद पर कुछ सामग्री एक शृंखला के रूप में प्रस्तुत की
जा रही है। पिछली बार हमने यहां ‘मनुष्य और समाज’ के अंतर्गत स्व...
ठंड़े रेगिस्तान की गुनगुनी तस्वीरें
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ठंड़े रेगिस्तान की गुनगुनी तस्वीरें जून के शुरुआती दिनों में लेह-लद्दाख,
जिसे ठंड़ा रेगिस्तान भी कहा जाता है, की सैर पर थे. पर्यटन के लिए लोकप्रिय
इलाका है, ...
सुभाष राय की कविताएँ
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( सुशील कुमार वरिष्ठ कवि और आलोचक हैं . झारखंड के शिक्षा विभाग में वे एक
ज़िम्मेदार पद पर काम करते हैं . समय की नब्ज़ पर उनकी उँगलियाँ रहतीं हैं .
अभिनव क...
मुसलमान / देवीप्रसाद मिश्र
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वे मुसलमान थे कहते हैं वे विपत्ति की तरह आए कहते हैं वे प्रदूषण की तरह फैले
वे व्याधि थे ब्राह्मण कहते थे वे मलेच्छ थे वे मुसलमान थे उन्होंने अपने
घोड़े सि...
मोदी को मूडी की शह: आनंद तेलतुंबड़े
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*आनंद तेलतुंबड़े अपने इस स्तंभ में मूडीज़ द्वारा मोदी सरकार को दी गई रेटिंग
पर चर्चा कर रहे हैं. अनुवाद: रेयाज़ उल हक़*
नोटबंदी और जीएसटी पर मोदी सरकार क...
happy diwali.. 19-10-17
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आज दिवाली है। मैंने लगभग हर दिवाली पर अपने लिखने का सिलसिला बनाए रखा है।
पहले दिवाली पर अकेले रहना अपनी इच्छा से नहीं था... मैं चाहता था कि कोई आए।
पर हर ...
वर्तुल धारा
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मैंने अपनी कार स्कूल के बाहर उस जगह लगा दी जहाँ हमेशा लगाती हूँ; जब-जब उसे
देखने आती हूँ।
स्कूल की छुट्टी में एक जैसी पोशाक पहने बच्चों का ऐसा हुजूम नि...
संवाद 'अच्छे लोगों' से...
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*डांडी (नवसारी) गुजरात से चम्पारण (बिहार)यात्रा की दूरी : 1700 किमीयात्रा
का समय: 02 अक्टूबर 2017 से 15 अक्टूबर 2017 तक*
वर्ष 2017 गांधी सत्याग्रह के 10...
बहुत अहम है यह जानना भी....
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आज तो बहुत रौनक रही ब्लॉगों पर...
पर दहकता सवाल यह है कि...
क्या आगे भी आज सी ही सक्रियता बनाये रखोगे मित्रों ?
...
Best 5 Free Android News and Feed Reader Apps
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One of the prominent reasons why people buy smartphones is to keep in touch
with latest news and updates round the clock. But many people still don’t
use...
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*थोड़ी सी दीवानगी और *
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*खादी के धागे-धागे में*
*अपनेपन का अभिमान भरा*
*डॉ.चन्द्रकुमार जैन *
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Transformation - Trasformazione - बदलाव
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After more than a year, I finally want to share some images. They are about
a moment of transformation, when the ordinary becomes magical. You are
going ...
गीत चतुर्वेदी के नए संग्रह से कुछ कविताएँ
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इस साल पुस्तक मेले में एक बहु प्रतीक्षित कविता संग्रह भी आया. गीत चतुर्वेदी
का संग्रह 'न्यूनतम मैं'. गीत समकालीन कविता के ऐसे कवियों में हैं जिनकी हर
का...
कहानी संग्रह अधूरे अफसाने-लावण्या दीपक शाह
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अभी अभी लावण्या शाह (लावण्या दीपक शाह ) के कहानी संग्रह अधूरे अफसाने को
पूरा किया है। चार बाल कहानियों को समेटे कुल ग्यारह कहानियों के इस गुलदस्ते
को लावण...
मैं मरा नहीं
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(लंबे अरसे बाद प्रिय कवि आलोक श्रीवास्तव की एक कविता,
तापोस दास के चित्र के साथ)
भर्तृहरि एक किंवदंती है
एक इतिहास-सिद्ध कवि के अलावा
जो कहीं हमारे भीतर ...
वाट्सएपिया रोमांस
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वो लड़का इस ग्रुप में बहुत पहले से था ! लड़की ने महीने भर पहले ही ज्वाइन
किया ! लड़का और लड़की अलग अलग प्रदेश के ! दोनों ने न कभी एक दूसरे का शहर देखा
और न कभ...
Doors must be answered
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"You don't know the first thing." There was someone at the door, wearing
cloak, holding something I could not see.
"Well, that... because no one told me." I...
Using Surveys for Managing Online Reviews
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Online reviews have been proven to be as influential as a personal
recommendation from a trusted friend. With the weight that is given to
these reviews it ...
अपने मन की करना ही ख़तरनाक राजनीति है !
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*बैटल ऑफ बनारस के बहाने कमल स्वरूप से बातचीत *
प्रश्न : आप की फिल्म बैटल ऑफ बनारस का अभी क्या स्टेटस है?
कमल: फिल्म को स्क्रीनिंग कमेटी ने रिजेक्ट कर दिय...
स्मार्ट फोन की तितली में तितलियों से ज़्यादा रंग हैं
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चूक गया हूँ
बहुत बड़े मार्जिन से
मैंने कोई ऐसी स्त्री तो नहीं देखी
जिसे दिल तोड़ने की मशीन कहा जाता है
मगर मैं जानता हूँ एक ऐसे शख्स को
जिसे आप उम्मीद तोड़ने क...
रामशरण शर्मा मुंगेली की रचनायें
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काम करो नित काम करो मत – जांगर पेरत मूड़ नवाई
पथरा ले रस बाहिर तीरव – बंजर देवव सोन उगाई
नीक रहो अउ ठीक रहो सब – खीक रहो मत जागहु
भाई रे झन मूरख के कर संग...
थोड़ी फुर्सत मिली तो थी
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फुर्सत मिली तो थी
सोचा थोड़ा ये कर लूं
थोड़ा वो कर लूं
सुस्ता लूं
किसी संगीत का आनंद ले लूं
किसी कोमल धुन को याद कर लूं
किसी मनोरम दृश्य को याद कर लूं
इस एका...
निरामिष पर विशेष लेखों की कड़ियाँ
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*(1) *अक्रूर मनोवृति (करूणा और अहिंसा के लिए)
1. दिलों में दया भाव का संरक्षक शाकाहार।
2. विश्व शान्ति का उपाय शाकाहार।
3. हिंसा का अल्पीक...
अम्मां यादों में
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This post is about memories of my mother. रिश्तों में सबसे पवित्र रिश्ता है
मां का है। इस चिट्ठी में कुछ बाते अम्मां के बारे में। is chitthi mein Amma
kee ...
इंटरनेट ने दिया हर किसी को कोशकार बनने का मौका
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इंटरनेट के इस युग में शौकिया कोशकार बनना बहुत आसान हो गया है। अगर आपको
कोशकारिता से लगाव है तो आप ऑनलाइन कोश में नए शब्द जोड़ सकते हैं। आप कुछ
कोशों में शब...
हिन्दू पुनर्जागरण के लिए हिन्दू कांग्रेस
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अनिल सौमित्र
गत दिनों में हिन्दू और हिंदुत्व सर्वाधिक चर्चित शब्द रहा है l अधिकांशत: यह
चर्चा प्रतिक्रियात्मक होती है l इसलिए हिन्दू और हिंदुत्व शब्द ज्याद...
एक मां को देखते हुए...
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तस्वीर गूगल से साभार
क्यों पूजे वो तुम्हें?
जिसकी मांग का सिंदूर खुद न उतरा था
तुमने रगड़ दी थी बदकिस्मती
उसकी मांग पर
अंगड़ाई भी न टूटी थी
जिन मखमली रातो...
एक नज़्म तेरे लिए !
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भीगा सा दिन,
भीगी सी आँखें,
भीगा सा मन ,
और भीगी सी रात है !
कुछ पुराने ख़त ,
एक तेरा चेहरा,
और कुछ तेरी बात है !
ऐसे ही कई टुकड़ा टुकड़ा दिन
और कई ट...
बलात्कार के पीछे
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शैतान*, *जो हमारे भीतर रहता है
राजकिशोर
अगर जानवरों पर मानव समाज की दंड संहिता लागू कर दी जाए, तो लगभग सभी चौपाये
कभी-न-कभी गिरफ्तार हो जाएंगे. ल...
ब्लागिँग सेमिनार की शुरुआत रवि-युनुस जुगलबंदी से
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और ये उद्घटान हो गया। उद्घटान नहीँ भाई उद्घाटन हो गया-ब्लागिँग सेमिनार का।
वर्धा विश्वविद्यालय के हबीबा तनवीर सभागार मेँ वर्धा विश्वविद्यालत द्वारा
आय...
दीदी के लिए
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कौन पुण्य जो फल आयी हो?
दीदी तुम जैसे माँ ही हो।
पुलकित ममता का मृदु-पल्लव,
प्रात की पहली सुथराई हो।
मेरे अणुओं की शीतलता,
मनः खेचर की तरुणाई हो।
कि...
मैक्सिम गोर्की की कहानी : उसका प्रेमी
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*मुझे एक बार मेरी जान-पहचान वाले एक व्यक्ति ने यह घटना बताई थी।*
उन दिनों में मास्को में पढ़ता था। मेरे पड़ोस में एक ऐसी महिला रहती थी, जिसकी
प्रतिष्ठ...
कुछ कविताएँ
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एक
वे दोनों
वे जो अपने अपकृत्य का
नाम दे रहे हैं परिवर्तन
और वे जो परिवर्तन को
कह रहे है कुकृत्य
दोनों के साथ है कुछ लोग
मचा हुआ है
घमासान उनमें
उछल...
अवकाश
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आदरणीय ब्लागर मित्रो,
अस्वस्थ होने के कारण शायद अंतरजाल पर न आ पाऊँ । इसलिए कुछ समय के लिए
शायद आप से भेंट न हो। स्वास्थ लाभ करके पुनः आपसे सम्पर्क स्था...
अदम जी मुझे लौकी नाथ कहते थे
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जयपुर में अदम जी मंच संचालन कर रहे थे। मुझे कविता पढ़ने बुलाने के पहले एक
किस्सा सुनाया। किसी नगर में एक बड़े ज्ञानी महात्मा थे। उनका एक शिष्य था नाम
था...
चाहती हूं सीधी होना
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एक आसान से रास्ते पर
चलते हुए,
एक सुलझी हुई मंज़िल तक
पहुंचने की तमन्ना…
एक सीधी पगडन्डी से
गुज़रते हुए,
शाम ढले घर तक
पहुंचने की चाहत…
चाहती हूं कभी-कभी एक ...
पिता के पास लोरियाँ नही होती
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*(पितृ-दिवस पर विशेष)*
पिता, मोटे तने और गहरी जड़ों वाला
एक वृक्ष होता है
एक विशाल वृक्ष
और मां होती है
उस वृक्ष की छाया
जिसके नीचे बच्चे
बनाते बिगाड़ते है...
विश्वास
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ओ ! जीवन के थके पखेरू, बढ़े चलो हिम्मत मत हारो,
पंखों में भविष्य बंदी है मत अतीत की ओर निहारो,
क्या चिंता धरती यदि छूटी उड़ने...
किशोर'दा - ये शाम भी अजीब है…!
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किशोर'दा : याद तो हमेशा आते रहते हैं, सो कैसे कहूँ कि आज ज़्यादा याद आए? मगर
यह कह सकता हूँ कि आज मन किया कि उनके कुछ गीत सुनाऊँ चाहने वालों को - जो
शायद उन...
Akhilesh ji ko patr
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27. 9. 10
प्रिय अखिलेश जी,
आपका पत्र संख्या 2, दिनांक 21. 9 10 का पत्र मिला। धन्यवाद। आपने पुस्तकें
वापिस करने वाले प्रश्न पर जवाब सोच समझकर ही दिया होगा तभ...
अभिशप्त एक और भोपाल! एंडरसन भागा नहीं है !!!!
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ये देश में हर जगह पैदा हो रहे भोपाल का किस्सा है ,ये हिंदुस्तान के
स्विट्जरलेंड की तबाही का किस्सा है ,ये रिहंद बाँध में अपने महल के साथ डूब
गयी रानी र...
किताबें बचेंगी तो पढ़ना बचेगा, लिखना भी
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कई समय से मन था कि कोई ऐसी जगह बने जहां हिंदी किताबों के बारे में नये सिरे
से बात हो सके. अगर किताबें होंगी तो लिखना और पढ़ना भी बचा रहेगा. हमारी ये
बातचीत...
और वो चला गया,बिना मुड़े...
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दो दिनों की लगातार बारिश के बाद चैंधियाती धूप निखरी थी सफेद कमीज और लाल
निक्कर में सजे छोटे-छोटे बच्चों की चहचहाहट से मैंदान गूंज रहा था। अपने
केबिन में ब...